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Sunday, 26 June 2016
Wednesday, 22 June 2016
कृषक आंदोलन
किसान व मजदूर आंदोलन :
● ‘बारदोली सत्याग्रह’ का नेतृत्व किसने किया— वल्लभ भाई
पटेल, 1928 ई.
● किस प्रदेश में ब्रिटिश के विरुद्ध बिरसा मुंडा का संचालन रहा—
छोटा नागपुर
● ‘वाय कोम सत्याग्रह’ कहाँ चलाया गया— केरल, 1924-25 ई.
● ‘दलित वर्ग मिशन समाज’ की स्थापना किस स्थान पर की गई—
1906ई., मुंबई
● ‘दलित वर्ग मिशन समाज’ की स्थापना किसने की— वी. आर.
शिंदे
● ‘नानू आसन’ किसे कहा जाता है— श्रीनारायण गुरु बहुजन समाज
की स्थापना किसने की— वी. आर. शिंदे
● ‘नानू आसन’ किसे कहा जाता है— श्रीनारायण गुरु
● बहुजन समाज की स्थापना किसने की— मुकुंदराव पाटिल
● बहुजन समाज की स्थापना कब व कहाँ की गई— 1910 ई.,
सतारा में
● ‘अखिल भारतीय व्यापार संघ कांग्रेस’ का प्रथम अध्ययक्ष कौन
था— लाला लाजपत राय
● 1895-1900 ई. की ‘मुंडा क्रांति’ का नेता कौन था— बिरसा
मुंडा
● 1855 ई. में संथालों ने किस अंग्रेज कमांडर को हराया— मेजर
बरो
● ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ के प्रथम सत्र की अध्यक्षता
किसने की— स्वामी सहजानंद
● मुंडाओं ने विद्रोह कब किया— 1895 ई.
● ‘हो’ विद्रोह कब हुआ— 1820-21 ई. के दौरान
● ‘छोटा नागपुर काश्त अधिनियम’ 1908 ई. में किस पर रोक
लगाई— बेठवेगारी पर
● मानव बलि प्रथा का निषेध करने के कारण अंग्रेजों के विरुद्ध
किसने आंदोलन खड़ा किया— खोंड जनजाति
● कम्यूनिस्ट इंटरनेशनल का सदस्य बनने वाला प्रथम भारतीय कौन
था— एम. एन.रॉय
● महाराष्ट्र में ‘रामोसी कृषक जत्था’ की स्थापना किसने की—
वासुदेव बलवंत फड़के
● छोटा नागपुर जनजाति विद्रोह कब हुआ— 1820 ई.
● गांधी का चंपारण सत्याग्रह किससे जुड़ा था— तिनकठिया से
● ‘उलगुलान’ महाविद्रोह किससे जुड़ा था— बिरसा मुंडा
● खैरवार आदिवासी आंदोलन कब हुआ— 1874 ई.
● मोपला आंदोलन कब और कहाँ हुआ— 1921 ई., मालाबार
● ‘गुलामगिरि’ का लेखक कौन था— ज्योतिबा फूले
● ‘पागल पंथी’ विद्रोह किसका था— गारो जनजाति
● कौन-सी घटना महाराष्ट्र में घटित हुई— भील विद्रोह
● नील आंदोलन का जमकर समर्थन करने वाले ‘हिंदू पैट्रियाट’ के
संपादक कौन थे— हरिशचंद्र मुखर्जी
● भीमराव अंबेडकर की पढ़ाई-लिखाई में किसने सहयोग दिया—
बड़ौदरा के महाराज ने
● पूना समझौता किस-किस के मध्य हुआ— महात्मा गाँधी व बी.
आर. अंबेडकर
● महाराष्ट्र में वासुदेव बलवंत फड़के का विद्रोह कब हुआ— 1879
ई.
● चंपारण सत्याग्रह कब प्रारंभ हुआ— 1917 ई.
● चंपारण के नील सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था— नील उत्पादक
ड्डषकों द्वारा तिनकठिया पृथा का विरोध
● मोपला विद्रोह का नेता कौन था— मुसलियार
● भारत के ‘ट्रेड यूनियन आंदोलन’ के जन्मदाता कौन थे— एन.
एम. जोशी
● ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ सर्वप्रथम कहाँ आयोजित की गई
— लखनऊ
● ‘ट्रेड यूनियन आंदोलन’ कब हुआ— 1926 से 1939 तक
● ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ का गठन कब हुआ— 1936 ई.
● भारत के पहले मजूदर संघ की स्थापना कब हुई— 1890 ई.
● किस विद्रोह में कृषकों ने यह नारा दिया कि ‘हम महारानी और
सिर्फ महारानी की रैयत होना चाहते हैं’— पावना विद्रोह में
● आधुनिक युग का मनु किसे कहा जाता है— डॉ. भीमराव अंबेडकर
● सत्यशोधक समाज की स्थापना किसने की— ज्योतिबा फूले ने
● ‘नाई-धोबी बंद’ सामाजिक बाहिष्कार कब चलाया गया— 1919
में
● अवध के एका आंदोलन का उद्देश्य क्या था— सरकार को लगान
ने देना
● ‘ताना भगत आंदोलन’ कब आरंभ हुआ— 1914 म
Monday, 20 June 2016
अकबर
अकबर (1556 ई. – 1605 ई.) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
-1556 ई. में हुमायूं की मृत्यु के बाद उसके पुत्र अकबर का
कलानौर नामक स्थान पर 14 फरवरी, 1556 को मात्र 13 वर्ष
की आयु में राज्याभिषेक हुआ।
-अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 को अमरकोट के राजा
वीरसाल के प्रसिद्द महल में हुआ था।
-अकबर ने बचपन से ही गजनी और लाहौर के सूबेदार के रूप में
कार्य किया था।
भारत का शासक बनने के बाद 1556 से 1560 तक अकबर बैरम खां
के संरक्षण में रहा।
-अकबर ने बैरम खां को अपना वजीर नियुक्त कर खाना-ए-खाना की
उपाधि प्रदान की थी।
-5 नवम्बर, 1556 को पानीपत के द्वितीय युद्ध में अकबर की सेना
का मुकाबला अफगान शासक मुहम्मद आदिल शाह के योग्य सेनापति
हेमू की सेना से हुआ, जिसमें हेमू की हार एवं मृत्यु हो गयी।
-1560 से 1562 ई. तक दो वर्षों तक अकबर अपनी धय मां महम
अनगा, उसके पुत्र आदम खां तथा उसके सम्बन्धियों के प्रभाव में
रहा। इन दो वर्षों के शासनकाल को पेटीकोट सरकार संज्ञा दी गयी
है।
-अकबर ने दक्षिण भारत के राज्यों पर अपना आधिपत्य स्थापित
किया था। खानदेश (1591), दौलताबाद (1599), अहमदनगर
(1600) और असीर गढ़ (1601) मुग़ल शासन के अधीन किये गए।
-अकबर ने भारत में एक बड़े साम्राज्य की स्थापना की, परन्तु इससे
ज्यादा वह अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए विख्यात है।
-अकबर ने 1575 ई. में फतेहपुर सीकरी में इबादतखाना की स्थापना
की। इस्लामी विद्वानों की अशिष्टता से दुखी होकर अकबर ने 1578
ई. में इबादतखाना में सभी धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित करना शुरू
किया।
-1582 ई. में अकबर ने एक नवीन धर्म ‘तोहिद-ए-इलाही’ या
‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना की, जो वास्तव में विभिन्न धर्मों के
अच्छे तत्वों का मिश्रण था।
-अकबर ने सती प्रथा को रोकने का प्रयत्न किया, साथ ही विधवा
विवाह को क़ानूनी मान्यता दी। अकबर ने लड़कों के विवाह की उम्र
16 वर्ष और लड़कियों के लिए 14 वर्ष निर्धारित की।
-अकबर ने 1562 में दास प्रथा का अंत किया तथा 1563 में
तीर्थयात्रा पर से कर को समाप्त कर दिया।
-अकबर ने 1564 में जजिया कर समाप्त कर सामाजिक सदभावना
को सुदृढ़ किया।
-1579 में अकबर ने ‘मजहर’ या अमोघवृत्त की घोषणा की।
-अकबर ने गुजरात विजय की स्मृति में फतेहपुर सीकरी में ‘बुलंद
दरवाजा’ का निर्माण कराया था।
-अकबर ने 1575-76 ई. में सम्पूर्ण साम्राज्य को 12 सूबों में
बांटा था, जिनकी संख्या बराड़, खानदेश और अहमदनगर को जीतने
के बाद बढ़कर 15 हो गयी।
-अकबर ने सम्पूर्ण साम्राज्य में एक सरकारी भाषा (फारसी), एक
समान मुद्रा प्रणाली, समान प्रशासनिक व्यवस्था तथा बात माप
प्रणाली की शुरुआत की।
-अकबर ने 1573-74 ई. में ‘मनसबदारी प्रथा’ की शुरुआत की,
जिसकी खलीफा अब्बा सईद द्वारा शुरू की गयी तथा चंगेज खां और
तैमूरलंग द्वारा स्वीकृत सैनिक व्यवस्था से मिली थी।
Monday, 13 June 2016
सिंधु सभ्यता स्थल से प्राप्त वस्तुएं
सिन्धु सभ्यता से प्राप्त अवशेष का विवरण
(1) हड़प्पा के प्राप्त अवशेष-
बारह कक्षो वाला अन्नागार
आर-37 कब्रिस्तान
कर्मचारी आवास
दस्तकारी मंच
सर्वाधिक अभिलेख युक्त मुहर
शंख का बना बैल
स्त्री के गर्भ से निकला हुआ पौधा
पीतल का बना इक्का
ईटों के वक्राकार चबूतरे
गेहूं और जौ के दाने
ह्वीलर ने पश्चिम दुर्ग के टीले को माउण्ट ए बी संज्ञा दी है।
(2) मोहनजोदड़ो से प्राप्त वस्तुए
विशाल अन्नागार- मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत
स्नानागार- मार्शल ने इसे तत्कालीन विश्व का एक आश्चर्यजनक
निर्माण कहा।
नगर योजना-सड़को का समानान्तर जाल
स्तूपटीला- मोहनजोदडो के पश्चिम भाग में स्थित दुग टीलो को कहते
है। (कुषाणों ने इसका निर्माण करवाया)
महाविद्यालय भवन
कांसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति
पुजारी अथवा योगी की मूर्ति
मुद्रा पर अंकित पशुपतिनाथ की मुर्ति
कुम्भकारो के छः भट्टे
हाथी का कपाल खण्ड
गले हुए ताबें के ढेर
सीपी की बनी हुई पटरी
कुएं से प्राप्त नर कंकाल जो अंतिम स्तर पर बिखरे हुए मिले।
घोडे़ के दांत
गीली मिट्टी पर कपड़े के साक्ष्य
(3) चन्हूदड़ो से प्राप्त अवशेष
झूकर और झांगर सस्कृति के अवशेष
एकमात्र स्थल जहाॅ से वक्राकार ईटें मिली है।
एकमात्र स्थल जहाॅ दुर्ग का अवशेष नही मिला है।
अंलकृत हाथी
बिल्ली का पीछा करते कुत्ते के पदचिन्ह
लिपिस्टिक
मनके,सीप ,मुद्रा बनाने का प्रसिद्व केन्द्र था।
यहाॅ के निवासी कुशल कारीगर थे
लोथल से मिल अवशेष
मकान का दरवाजा सड़क की और खुलता था।
फारस की मुद्रा
पक्के रंग मे रंगे पात्र
बन्दरगाह
धान और बाजरे का साक्ष्य
घोड़े की लघु मिट्टी की मूर्तिया
तीन युगल समाधि
(4) कालीबंगा से मिल अवशेष
जुते हुए खेत
हवन कुण्ड का अस्तिव्य
कब्रिस्तान
कच्ची ईटों से बने घर
जल निकासी प्रणाली का अभाव
हड़प्पा कालीन सांस्कृतिक युग के पाॅच स्तरो का पता
सेलखड़ी की मुहरें
बेलनाकार मुहरें
अलंकृत ईटों का प्रयोग
युगल तथा प्रतिकात्मक समाधिया
(5) बनवाली से मिले अवशेष
हल की आकृति
तिल ,सरसों के ढेर,अच्छे किस्म के जौ
मनके, तांबे के बाण,चर्ट के फलक
सुरकोटडा से मिले अवशेष
घोडे की अस्थिया
एक विशेष प्रकार का कब्रगाह
रंगपुर से मिले अवशेष
धान की भूसी
कच्ची ईटों का दुर्ग
सैन्धव संस्कृति के उत्तरावस्था के दर्शन
(6) कोटदीजी से मिले अवशेष
कांस्य की चूडि़या
धातु के उपकरण तथा हथियार
धौलावीरा
नगर तीन भागो में विभाजित-नगरदुर्ग, मध्य नगर, निचला नगर