Monday, 20 June 2016

अकबर

अकबर (1556 ई. – 1605 ई.) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-

-1556 ई. में हुमायूं की मृत्यु के बाद उसके पुत्र अकबर का
कलानौर नामक स्थान पर 14 फरवरी, 1556 को मात्र 13 वर्ष
की आयु में राज्याभिषेक हुआ।
-अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 को अमरकोट के राजा
वीरसाल के प्रसिद्द महल में हुआ था।
-अकबर ने बचपन से ही गजनी और लाहौर के सूबेदार के रूप में
कार्य किया था।
भारत का शासक बनने के बाद 1556 से 1560 तक अकबर बैरम खां
के संरक्षण में रहा।
-अकबर ने बैरम खां को अपना वजीर नियुक्त कर खाना-ए-खाना की
उपाधि प्रदान की थी।
-5 नवम्बर, 1556 को पानीपत के द्वितीय युद्ध में अकबर की सेना
का मुकाबला अफगान शासक मुहम्मद आदिल शाह के योग्य सेनापति
हेमू की सेना से हुआ, जिसमें हेमू की हार एवं मृत्यु हो गयी।
-1560 से 1562 ई. तक दो वर्षों तक अकबर अपनी धय मां महम
अनगा, उसके पुत्र आदम खां तथा उसके सम्बन्धियों के प्रभाव में
रहा। इन दो वर्षों के शासनकाल को पेटीकोट सरकार संज्ञा दी गयी
है।
-अकबर ने दक्षिण भारत के राज्यों पर अपना आधिपत्य स्थापित
किया था। खानदेश (1591), दौलताबाद (1599), अहमदनगर
(1600) और असीर गढ़ (1601) मुग़ल शासन के अधीन किये गए।
-अकबर ने भारत में एक बड़े साम्राज्य की स्थापना की, परन्तु इससे
ज्यादा वह अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए विख्यात है।
-अकबर ने 1575 ई. में फतेहपुर सीकरी में इबादतखाना की स्थापना
की। इस्लामी विद्वानों की अशिष्टता से दुखी होकर अकबर ने 1578
ई. में इबादतखाना में सभी धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित करना शुरू
किया।
-1582 ई. में अकबर ने एक नवीन धर्म ‘तोहिद-ए-इलाही’ या
‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना की, जो वास्तव में विभिन्न धर्मों के
अच्छे तत्वों का मिश्रण था।
-अकबर ने सती प्रथा को रोकने का प्रयत्न किया, साथ ही विधवा
विवाह को क़ानूनी मान्यता दी। अकबर ने लड़कों के विवाह की उम्र
16 वर्ष और लड़कियों के लिए 14 वर्ष निर्धारित की।
-अकबर ने 1562 में दास प्रथा का अंत किया तथा 1563 में
तीर्थयात्रा पर से कर को समाप्त कर दिया।
-अकबर ने 1564 में जजिया कर समाप्त कर सामाजिक सदभावना
को सुदृढ़ किया।
-1579 में अकबर ने ‘मजहर’ या अमोघवृत्त की घोषणा की।
-अकबर ने गुजरात विजय की स्मृति में फतेहपुर सीकरी में ‘बुलंद
दरवाजा’ का निर्माण कराया था।
-अकबर ने 1575-76 ई. में सम्पूर्ण साम्राज्य को 12 सूबों में
बांटा था, जिनकी संख्या बराड़, खानदेश और अहमदनगर को जीतने
के बाद बढ़कर 15 हो गयी।
-अकबर ने सम्पूर्ण साम्राज्य में एक सरकारी भाषा (फारसी), एक
समान मुद्रा प्रणाली, समान प्रशासनिक व्यवस्था तथा बात माप
प्रणाली की शुरुआत की।
-अकबर ने 1573-74 ई. में ‘मनसबदारी प्रथा’ की शुरुआत की,
जिसकी खलीफा अब्बा सईद द्वारा शुरू की गयी तथा चंगेज खां और
तैमूरलंग द्वारा स्वीकृत सैनिक व्यवस्था से मिली थी।

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