Thursday, 24 August 2017

सिक्कें

सिक्के- 1 अर्थशास्त्र मे पण,अर्द्धपण,अर्द्धपाद। मूल इकाई पण थी। अधिकांश चाँदी के,कुछ ताँबे के। लेकिन सोने के सिक्के का उल्लेख नहीं।
2.मगध से मौर्य तक 56 ग्रेन के
3. मौर्योत्तर काल - एक निश्चित आकार का होता था। नगर का नाम, श्रेणियों का नाम, त्रिशूलधारी शिव का अंकन (विश्वास का प्रतीक)।
ग्रीक---- सोने, चाँदी, ताँबे, --- सबसे पहले। सोने एवं चाँदी के सबसे ज्यादा मौर्योत्तर काल में।
कुषाण--- ताँबे का सबसे ज्यादा।
ताँबे मे निकिल के प्रयोग के एक-दो प्रमाण।
पोटीन, सीसे के सिक्के।
A कुजुल कडफिसस--- ताँबे का। हर्मियस, हेराक्लीज़ का अंकन।
B विम कडफिसस--- दीनार, द्विनार,पाददीनर। अंकन-- हवनकुंड मे आहूत करते हुए, बादलों में उड़ रहा है और भुजाओं से अग्नि की ज्वाला निकल रही है। दैवी राजतंत्र का प्रतीक--- सिक्कों पर शिव का त्रिशूल के साथ और बिना त्रिशूल के भी अंकन है। बिना शिव के केवल त्रिशूल का भी अंकन है।
ग्रीक और खरोष्ठी लिपि का अंकन।
C कनिष्क---- इसका कनिष्क नाम इरानी भाषा समुदाय के शक भाषा में है।
कोट,जूता, हैट,कमरबन्द, हाथ में भाला। हवनकुंड मे आहूत देते हुए---यज्ञ में विश्वास। सिक्के पर भारतीय और इरानी देवताओं के नाम। शिव का नाम अयसो बताया गया है।बुद्ध को बोद्धो या शकमोनोबोद्धो ।
D हुविष्क---- यूनानी, इरानी, भारतीय देवता का अंकन। स्वयं हुविष्क का अंकन। शिव, शिव उमा, शिव नाना(विदेशी देवी)। कार्तिकेय, महासेन, स्कन्द, विशाख का अंकन।
E.वासुदेव--- हवन में आहुति देता हुआ। अधिकांशतः शिव का अंकन। वासुदेव का अंकन।

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